Friday 4 March 2016

Islam ne sikhaya aurout ki tarbiyat

आप (सॉ )ने फ़रमाया के किसी औरत के लिए जो आल्लाह ताला और आखरत पर ईमान राखती हो तो ये जायज नाहीं है के ओह आपने हाथ से जियादः खोले . ये कहकर आप (सॉ) ने आपनी कलए के निस्फ़ पर हाथ राख्खा। 



जब लारकि  बालिग हो जाये तो इस के जिसिम का कोई हिसे नजर ना  आना चाहिये सेवाएं चेहरे और कालायी के जोर तक ....

हाजरत आइसा  (रा) फरमाती है के मई आपने भातीजे अब्दुलाह इब्ने तफल के सामने जीनत के साथ आये। तो आप (सॉ )ने फ़रमाया जब औरत बालिग हो जाये  तो इसके लिए जायज नहीं के आप ने जिसिम मेसे कुछ जाहिर करे सेवाएं चेहरा के और सेवाएं इसके ये कह कर आप ने आपनी कालायि पर इस ताराह  हाथ राख के आप की गिरफत के मोकाम और हाथली के दारमियाँन सिरिफ एक मुठी भर जागाह बाकि  थी। 


हाजरत अबूबकर (राज ) की बाटी हाजरत आस्मा (राज ) जो होजुर (सॉ ) की बारी साली थी एक मर्तबा होजुर (सॉ ) ने के सामने बारीक़ कपड़े पाहान के हाजिर हुवा है। जिसिम आन्दर  से झलक रहा था होजुर (सॉ ) ने फौरन नाजर फेरली और फारमाया  आस्मा जब औरत बालिग हो जाये तो दुरुस्त नहीं के इस के जिसिम का कोई हिसा दिखाइ दे। इसके सेवा और  ये कह कार आप ने आपने चेहरा और हाथेलीव की तरफ इसरा फ़रमाया। 


हाजरत आइसा  (रा) की भतीजी हफजा (राज ) इन की खिदमत में हाजिर हुआहै और उनकी बारीक़ दोपट्टा  ओरहीथी हाजरत आइसा  (रा) ने इस को परदह डाला और एक मोती ओढ़नी इन्हे ओरहादी। 



आप (सॉ ) का इरसाद है आल्लाह ताला की लानत उन औरत पर जो लिबास पाहन कर भी नंगी की तंगी राहे ।  





हाजरत उमर   (रा) का इरसाद है अपनी औरत को ऐसी कपड़े न पहनाओ जो जिसिम पर इस तरह चुस्त हो के सारे सारे जिसिम की हैयत नुमाये हो जाये। 
गारज ये के चेहरा और हाथ के सेवा औरत का पूरा जिसिम सतर में दाखिल है। जिसको आपने घर में आपने कारीब तरीन आजीजो से भी छुपाना इस पर वाजिब है।  ओह सोहर के सेवा किसी के सामने आपने सतर ओह वजूद को नाहीं खोल सकती खोह ओह इस का बाप भायी भातीजा ही किउ ना हो। 

हात्ता के ओह ऐसा  बारीक़  लिबास भी नहीं पहन सकती जिस में सतर नुमाई होता हो। 

Thursday 21 January 2016

Feel the pain he had for us. Feel the love he had for us.. 
Khud vuke rahe wo taki hum sukoon se rahe.
Khud dard jhelte rahe taki hum dard se dur rahe..
https://youtu.be/vYKsydI8Idohttps://youtu.be/vYKsydI8Ido

Tuesday 19 January 2016

Marriage rights of women in Islam

In Islam women have full right marry the person whom they want to. It is Haram To give marriage of a girl forcefully or even unwillingly.
 इस्लाम मैं लरकि का शादी बिना उसके रजामंदी से नही किया   जायेगा और अगर ऐसा हुआ तो उसका शादी हराम होगा और जिम्मेदार को जिना   का गुनाह होगा।

EMAN KI TASKIRA

दुनिया के  अंदर सबसे कीमती चीज हे ओ हे इम्मान। एक ईमान वाला दुनिया के अंदर अल्लाह अल्लाह बोलने वाला रहे गा तो अल्लाह पाक दुनिया के सारे निजाम  को चलायेगे  .जिसदिन एक वि अल्लाह बोलनेवाला   नहीं रहे ग तो अल्लाहपाक दुनिया को   तोरफोर कार फ़ना कर देंगे। दोस्तों हम अप्पने हैसियत को पहचानें  एक ईमानवाले की ऐ हैसियत आल्ल्हने ये रक्खा हे।
२४ घंटा  ईमान  रखना फ़र्जे हे।  ईमान हो  साहवा आजमाईएन जैसा।   हमारे अंदर ईमान हे हम तब समझे गे जब अछे काम करेगी तो दिल खुस होगा और बुरे काम करेगा तोडिल गमगीन होगा।
सात चिजो पर यकीन रखना ईमान हे
१ अल्लाह पर
२ फरिस्ते पर
३ आसमानी किताब पर
४ नबी ओ रसूल पर
५ तक़दीर पर
६ मोत पर
७ मोत के बाद  कबर से उठाये जाने पर

ये ईमान  हमारे अंदर आयेंगे कैसे   इसकी मेहनत सर्त है।

एमन की चार तकसीम हे।
 १ ईमान की बोल को सही से पहरा
२ इसकी माने मतलब  को समझना
३ तकाजा को पूरा करना
४   (कालमे की ) हाक को  आदा करना। 

कामयाब होने का इल्म

अल्लाहताला दुनिया आवर आखरत के  अन्येवाला  तामाम  इंसानो   की कामयाबी पुरापुरी दीन के अंदर रक्खे   है। अधूरा दीन के  अन्दर अल्लाहताला का कोई वादा  नहीं है। सहाबा रज़िअल्लहो अणहो  हजुर (सा) के सोहबत में रहकर बहुत सारा सारे सिफत हासिल किया  था। इन इन सिफत में  से कुछ सिफत बुजुगनेदिन हमारे सामने रक्खा है आगर इसको मेहनत ,मसक्कत ,मोजाहिदा ,करके   अमाली जिन्दगी में लाये तो   हमें  भी दीन पर चलना आसान होगा।    पर -( इनसिफत  पुरपुरी दीन   नाही है।
१। ईमान 
२। नमाज
३। इलमे ओ औ जिकिर 
४ । एकरामे मुस्लेमीन  
५।  अख़्लासे नियत 
६। दावते तब्लीग  

ALLAh KA ZIKIR

  1. आये ईमान वाला अल्लाहताला का ज़िकिर खूब कसरत  से करो आवर सुबह साम औसिकी  तसबीह कारते राहो। 

Allah ka wajud.

जॉब कियामत में सारी मख़लूक़ क़ो जमा कारके हकताला सनेहु पूछेगा एलोग युम्हारा परसतीस करता था। तो फरिस्ते कहेंगे अल्लाहताला सिर्क ओर हार  अयूब से पाक   है।